अपहरण कांड : युवक की मौत के बाद वसूली फिरौती, देर रात एसएसपी ने दी जानकारी, परिजन बेहाल

युवा गौरव। संवाददाता 


कानपुर। एक बार फिर कानपुर पुलिस सवालों के घेरे मे है। 22 जून को किडनैप हुये संजीत यादव की हत्या 26 जून को ही कर दी गयी थी। जबकि पुलिस की हीलाहवाली के चलते गुमसुदगी के मामले को अपहरण मे तब्दील तब किया गया, जब फिरौती के लिए फोन आने लगे। वहीं पुलिस की घोर लापरवाही के चलते बर्रा थाना प्रभारी की मौजूदगी मे ही अपहरणकर्ताओं ने फिरौती की रकम भी ले ली। और रफू चक्कर हो गए। बर्रा पुलिस के जरिये कानपुर एसएसपी की भद्द पिटने लगी। मामला सोशल मीडिया मे ज़ोर पकड़ता गया। लेकिन पुलिस रोजाना नई नई कहानियाँ पेश करती रही। मामले की कमान खुद एसएसपी कानपुर ने संभाली और खुलासा करने के लिए चार दिन का समय मांगा। और जब तक आरोपी पकड़े गए, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अपहृत युवक संजीत को मौत के घाट उतारा जा चुका था। 


पांडु नदी मे फेंक दिया शव


कानपुर के बर्रा 5 में रहने वाले संजीत यादव जो पैथोलॉजी में नौकरी करता था, दोस्तों ने ही संजीत को किडनैप करके उसकी हत्या कर दी और संजीत की डेडबॉडी पांडु नदी में फेंक दी। बृहस्पतिवार की रात पुलिस ने संजीत के दो दोस्तों समेत चार युवकों व एक युवती को गिरफ्तार किया उनसे पूछताछ जारी है। आरोपितों ने बताया 26 जून को संजीत को मौत के घाट उतार दिया था और डेड बॉडी पांडू नदी में फेंकने की बात कबूली। पूरे दिन पुलिस ने पांडु नदी के किनारे संजीत की डेड बॉडी तलाशी लेकर हाथ कुछ नहीं लगा। देर रात तक पुलिस के हाथ खाली रहे। संजीत के परिजनों ने देर रात हत्या की आशंका व्यक्त की और हंगामा शुरू कर दिया।


पनकी मे पिलाई शराब, मोटरसाइकिल छिपाई रामदेवी मे 


संजीत यादव का 22 जून की रात दोस्तों ने पैथोलॉजी जाते समय ही किडनैप कर लिया था। संजीत के साथ ही नौकरी करने वाले दो दोस्तों से उस रात बर्रा-2 में संजीत की मुलाकात हुई थी । संजीत के उन दोनों सहकर्मियों ने पुलिस को बताया कि फिरौती के लिए संजीव को किडनैप किया था। सूत्रों की माने तो संजीत को संजीत के मित्र पनकी स्थित एक ढाबे में पार्टी के बहाने लेकर गए थे वही सब ने एक साथ बैठ शराब पी थी फिर वही से संजीत को किडनैप कर लिया। संजीत की बाइक रामादेवी सब्जी मंडी के पास झाड़ियों में छिपाई गई थी जो बरामद हो गई।


भेद खुलने का भय बना हत्या की बजह 


गिरफ्त में लिए गए दो युवक सचेंडी के रहने वाले हैं । वही युवती कल्याणपुर में रहती है। इस पूरे घटनाक्रम की साजिश पनकी के रहने वाले कुलदीप ने रची और उसका साथ देने वाला ज्ञानेंद्र, रामजी शुक्ला समेत अन्य तीन लोग थे। संजीत के अपहरण की साजिश रचने वाले कुलदीप ने अपनी गर्लफ्रेंड को पत्नी बताकर रतनलाल नगर में किराए पर मकान लिया था वहीं पर संजीत को रखा गया था। संजीत को किडनैपर नींद की गोलियां दिया करते थे। किडनैपरों से संजीत भली-भांति परिचित था और संजीत के परिजनों से फिरौती मिलने के बाद संजीत को यदि किडनैपर छोड़ देते तो पूरा भेद खुल जाता जिसके चलते किडनैपरों ने संजीत को मौत के घाट उतार दिया। 



कब क्या हुआ

 

22 जून की रात हॉस्पिटल से घर आने के दौरान संजीत का अपहरण हुआ।

 

23 जून को परिजनों ने जनता नगर चौकी में उसकी गुमशुदगी की तहरीर दी. 

 

26 जून को एसएसपी के आदेश पर राहुल यादव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई.

 

 29 जून को अपहरणकर्ता ने संजीत के परिजनों को 30 लाख की फिरौती के लिए फोन किया.

 

 5 जुलाई को परिजनों ने शास्त्री चौक पर जाम लगाकर पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया.

 

 12 जुलाई को एसपी साउथ कार्यालय में इस बाबत दोबारा प्रार्थना पत्र दिया गया.

 

 13 जुलाई को परिजनों ने फिरौती की रकम 30 लाख से भरा बैग गुजैनी पुल से नीचे फेंक दिया, लेकिन फिर भी संजीत नहीं आया. 

 

14 जुलाई को परिजनों ने एसएसपी और आईजी रेंज से शिकायत की, जिसके बाद संजीत को 4 दिन में बरामद करने का भरोसा दिया गया.

 

 16 जुलाई को बर्रा इंस्पेक्टर रंजीत राय को सस्पेंड कर सर्विलांस सेल प्रभारी हरमीत सिंह को चार्ज दे दिया गया।।

 


ये है पूरा मामला 



कानपुर के बर्रा 5 में रहने वाले चमन सिंह यादव इकलौता बेटा संजीत कुमार का 22 जून की शाम अपहरण हो गया था, अपरहण के दूसरे दिन परिजनों ने बर्रा थाने के पूर्व स्पेक्टर रंजीत राय को संजीत के लापता होने की तहरीर दी थी। जिसके बाद पुलिस मामले को बराबर नजरअंदाज करती रही। कुछ दिन बीतने के बाद 29 जून की शाम के वक्त किडनैपरों ने संजीत के पिता को फोन करके 30 लाख की फिरौती की डिमांड शुरू कर दी 13 जुलाई की रात पुलिस ने फिरौती की रकम लेकर परिजनों को किडनैपरो को देने के लिए भेजा। किडनैपर गुजैनी पुल के नीचे से 30 लाख रुपए की रकम लेकर नौ दो ग्यारह हो गए और पुलिस खड़े खड़े देखते रही। हालांकि मामला तूल पकड़ने के बाद एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने बर्रा इंस्पेक्टर रहे रंजीत राय को सस्पेंड कर दिया जिसके बाद एसओजी, सर्विलांस टीम, कई थानों की पुलिस मामले के खुलासे में लगाई गई है।